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Chaitra Navratri 2025: शेर पर नहीं इस चैत्र नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानें इसके मायने


सार :चैत्र नवरात्रि की शुरुआत और समाप्ति इस साल रविवार के दिन हो रही है. इसलिए मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान हाथी पर होगा, जिसे सुख-समृद्धि से जोड़ा जाता है.

hallabolnewsliveमितेश कुमार सिन्हा प्रधान संपादक

नई दिल्ली।आदिशक्ति का महापर्व नौदिवसीय चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025 से हो रही है. नवरात्रि शुरू होते ही मां दुर्गा का आगमन विशेष वाहन पर होता है. मां दुर्गा की सवारी क्या होगी, यह पूरी यह दिन (Days) पर निर्भर करता है. साथ ही मां दुर्गा की सवारी से अच्छे-बुरे संकेत भी मिलते हैं.

इस साल चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है. वैसे तो मां दुर्गा की सवारी शेर होती है इसलिए देवी दुर्गा को मां शेरावाली और सिंहवाहिनी आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है. लेकिन चैत्र नवरात्रि पर इस साल धरती पर मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा. इसके साथ ही हाथी पर ही मां दुर्गा प्रस्थान भी करेंगी. आइए जानते हैं मां दुर्गा का वाहन हाथी होना किस बात का है संकेत.


हिंदी न्यूज़ लाइफस्टाइल धर्म Chaitra Navratri 2025: शेर पर नहीं इस चैत्र नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानें इसके मायने
Chaitra Navratri 2025: शेर पर नहीं इस चैत्र नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानें इसके मायने

Updated at: 23 Mar 2025 08:50 PM (IST)
Chaitra Navratri 2025 Mata ka Vahan: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत और समाप्ति इस साल रविवार के दिन हो रही है. इसलिए मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान हाथी पर होगा, जिसे सुख-समृद्धि से जोड़ा जाता है.
Chaitra Navratri 2025: शेर पर नहीं इस चैत्र नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानें इसके मायने
चैत्र नवरात्रि 2025 माता रानी का वाहन

Chaitra Navratri 2025 Mata ka Vahan: आदिशक्ति का महापर्व नौदिवसीय चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025 से हो रही है. नवरात्रि शुरू होते ही मां दुर्गा का आगमन विशेष वाहन पर होता है. मां दुर्गा की सवारी क्या होगी, यह पूरी यह दिन (Days) पर निर्भर करता है. साथ ही मां दुर्गा की सवारी से अच्छे-बुरे संकेत भी मिलते हैं.

इस साल चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है. वैसे तो मां दुर्गा की सवारी शेर होती है इसलिए देवी दुर्गा को मां शेरावाली और सिंहवाहिनी आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है. लेकिन चैत्र नवरात्रि पर इस साल धरती पर मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा. इसके साथ ही हाथी पर ही मां दुर्गा प्रस्थान भी करेंगी. आइए जानते हैं मां दुर्गा का वाहन हाथी होना किस बात का है संकेत.

इस साल चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ रविवार के दिन से हो रहा है. साथ इस साल नवरात्रि 9 दिनों की न होकर 8 दिनों की रहेगी और ऐसे में नवरात्रि का समापन भी रविवार के दिन ही होगा. जब रविवार या सोमवार के दिन से नवरात्रि की शुरुआत और समाप्ति होती है तो माता रानी का वाहन हाथी होता है. हाथी को शुभ और समृद्धि वाला माना जाता है. साथ ही इस साल चैत्र नवरात्रि पर की शुरुआत कई शुभ योगों में भी होगी. जिस दिन नवरात्रि की शुरुआत होगी उस दिन रवि योग,सर्वार्ध सिद्धि योग, इंद्र योग और रेवती नक्षत्र रहेगा.

मां दुर्गा का हाथी पर आना क्या मायने रखता है:-इस साल रविवार के दिन से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. इसलिए माता रानी का वाहन हाथी होगा. देवी भागवत पुराण के अनुसार, हाथी पर मां दुर्गा का आना बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है. हाथी को सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना गया है. मान्यता है कि जिस वर्ष मां का आगमन और प्रस्थान हाथी पर होता है, उस वर्ष देश में अच्छी बारिश और फसलों की अच्छी पैदावार रहती है. साथ ही धन-धान्य में भी वृद्धि होती है. मां का प्रस्थान भी हाथी पर ही होगा. ऐसे में मां जाते-जाते भी भक्तों को आर्थिक तरक्की और खुशहाली का आशीर्वाद देकर प्रस्थान करेंगी.

कैसे तय होता है माता रानी का वाहन:आमतौर पर हर देवी-देवता का विशेष वाहन होता है. जैसे भगवान गणेश का मूषक, भोलेनाथ का नंदी, माता लक्ष्मी का उल्लू, देवी सरस्वती का हंस, भगवान विष्णु का गरुड़ और देवी दुर्गा का शेर. लेकिन नवरात्रि ऐसा समय होता है जब माना जाता है कि नौ दिनों तक देवी दुर्गा का वास धरती पर होता है. इस दौरान धरती पर मां का आगमन विशेष वाहन पर होता है. आइए जानते हैं कैसे तय होता है माता का वाहन.

माता रानी का वाहन क्या होगा, यह पूरी तरह से नवरात्रि की शुरुआत और समाप्ति के दिन पर निर्भर करता है. देवी भागवत पुराण के अनुसार जब नवरात्रि की शुरुआत और समाप्ति रविवार या सोमवार के दिन होती है तो माता रानी आगमन और प्रस्थान (गज) हाथी पर होता है.


नवरात्रि की शुरुआत और समाप्ति जब गुरुवार और शुक्रवार के दिन होती है, तब माता पालकी पर आती और जाती हैं. यह भी शुभ नहीं होता है. पालकी पर मां का आना और जाना अस्थिरता और चुनौतियों का संकेत माना जाता है.

वहीं बुधवार के दिन से जब नवरात्रि की शुरुआत और समाप्ति होती है तो माता रानी नौका (नांव) पर आती और जाती हैं. नांव को अच्छा संकेत माना जाता है. यह आपदा मुक्ति और शांति का प्रतीक होता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि hallabolnewslive किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

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