सार :31 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद सेना का अंक बने अग्निवीरों को सम्मानित किया गया।
hallabolnewsliveमितेश कुमार सिन्हा (प्रधान संपादक) यूपी राष्ट्ररक्षा की शपथ लेकर 602 अग्निवीर सेना का हिस्सा बने। लेफ्टीनेंट जनरल ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली। कहा कि सेना में आने के बाद देश पहले है। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अग्निवीरों को पदक देकर सम्मानित किया। अनुशासन और डि्रल देखकर बधाई दी।

मंगलवार को राजपूत रेजीमेंट सेंटर के करियप्पा मैदान में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के लिए मैदान को फूलों से सजाया गया। चौथे बैच की परेड़ को देखते के लिए अग्निवीरों के परिजन भी पहुंचे। विगुल बजते ही मुख्य अतिथि ले. जनरल हरजीत सिंह शाही सलामी मंच पर पहुंचे। परेड़ का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद उन्होंने सलामी ली। परेड की अगुवाई अग्निवीर शिवम तिवारी ने की। सलामी मंच के सामने से सिर पर लाल साफा बांधे, सीना फुलाए जवान गुजरे तो दर्शक दीर्घा में मौजूद सैन्य अधिकारियों के साथ ही अग्निवीरों के परिजनों ने तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाया। कहा कि देश की सुरक्षा के लिए आम युवा से सैनिक बनने का सफर कठिन होता है। इसके लिए जवान को तपना पड़ता है।

कहा कि सेना में आने के बाद अब रेजीमेंट का ध्येय वाक्य विजय या वीरगति का अनुसरण करना होगा। जवान को हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। अव्वल दर्जे का प्रशिक्षण लेकर हर एक जवान दुश्मन पर भारी पड़ेगा। अपने संबोधन में ले. जनरल ने कहा कि सेना के बेड़े में शामिल होने के बाद सभी जवानों के लिए देश की सुरक्षा सबसे पहले है। रेजीमेंट की इज्जत और सम्मान के साथ ही अग्निवीर को अपने परिवार के दायित्व के साथ स्वयं की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उठानी होगी। मैदान में प्रशिक्षण और पहाड़ पर मोर्चा के लिए जवानों को तैयार किया जाता है। इसके लिए डि्रल, वेपन हैंडलिंग, फायरिंग, फील्ड बैटल क्राफ्ट, मैप रीड़िग के साथ ही शारीरिक रूप से फौलाद बनाने का काम अनुभवी प्रशिक्षक करते हैं। इतिहास गवाह है कि युद्ध के मैदान में भारतीय सेना का प्रत्येक जवान दुश्मन की फौज पर भारी पड़ता है। इस दौरान सेंटर कमांडेट ब्रिगेडियर एचएस संधू, डिप्टी कमांडेट कर्नल रोहित पंत, सीओ ट्रेनिंग कर्नल अंशुमान त्रिपाठी, ले. कर्नल अरुण कुमार मौर्य, दंडपाल मुकुल कुमार, सेंटर एसएम मेजर कप्तान सिंह, सूबेदार मेजर बजरंग सिंह, संजीव कुमार आदि मौजूद रहे।

प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर मिला पदक

31 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद सेना का अंक बने अग्निवीरों को सम्मानित किया गया। समीक्षा अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह शाही ने ओवरऑल मेरिट में प्रथम आए जोजिला ट्रेनिंग कंपनी के अग्निवीर बजरंग, मेरिट में दूसरे स्थान पर रहे बेलोनिया ट्रेनिंग कंपनी के अग्निवीर अंशुमान सिंह, तीसरे स्थान पर रहे इसी कंपनी के अग्निवीर अभिनव कुमार उपाध्याय के साथ ही डि्रल और परेड़ में उत्तम प्रदर्शन करने वाले नौशेरा ट्रेनिंग कंपनी के अग्निवीर शुभम तिवारी को पदक देकर सम्मानित किया।

अग्निवीरों के मां-पिता बोले, बेटे ने कर दिया सपना पूरा

परेड़ में शामिल अग्निवीरों के लिए आज का दिन बहुत ही अहम रहा। माता-पिता की आंखों में संजोए गए सपने को पूरा करने के बाद चारों ओर खुशी ही खुशी बिखर गई। परेड़ समाप्त होने के बाद जब अग्निवीर अपने परिजनों से मिले तो फूले नहीं समाए। अग्निवीर पृथ्वीराज की मां राजकुमारी उज्जैन मध्यप्रदेश से परेड़ देखने के लिए आई। पृथ्वी का बड़ा भाई भी फौज में है। मां राजकुमारी कहती हैं कि उनके दो बेटे हैं। दोनों को भारत मां की रक्षा के लिए फौज में भर्ती करा दिया। वह बेहद खुश हैं। अग्निवीर मोहम्मद अल्ताफ के पिता अब्दुल रशीद और मां शरीफुल निशा भी बेटे की परेड़ देखने जौनपुर मछलीशहर से आए। परेड़ के बाद अल्ताफ मां के गले लग गया। पिता अब्दुल रशीद ने बताया कि वर्ष 1989 में उन्होंने भी फौज में जाने का सपना देखा था। वीर अब्दुल हमीद की तरह वह भी भारत मां की सेवा करना चाहते थे। लंबाई कम होने के कारण वह ऐसा नहीं कर सके। उनके छोटे बेटे ने फौज में जाकर उनका यह सपना पूरा कर दिया। अल्ताफ भी युवाओं को फौज में आकर देश की रक्षा का दायित्व उठाने का संदेश देते दिखे। अग्निवीरों के परिजनों को गौरव पदक देकर आवा अध्यक्ष गुरप्रीत कौर संधू ने बधाई दी।
