
सार :अमृतसर हवाई अड्डे पर आव्रजन औपचारिकताएं पूरी करते समय सिख निर्वासितों को बिना पगड़ी के दिखाई दिए।

मितेश कुमार सिन्हा प्रधान संपादक

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने रविवार को अमेरिकी अधिकारियों की कथित तौर पर सिख निर्वासितों को पगड़ी पहनने की अनुमति न देने की निंदा की। अमेरिका से भारत डिपोर्ट किए गए दूसरे जत्थे में यह सिख प्रवासी शामिल थे।एसजीपीसी का बयान तब आया जब सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए, जिसमें अमृतसर हवाई अड्डे पर आव्रजन औपचारिकताएं पूरी करते समय सिख निर्वासितों को बिना पगड़ी के दिखाई दिए।

इसकी जानकारी मिलने के बाद, एसजीपीसी ने निर्वासितों को पगड़ी प्रदान की। एसजीपीसी के सदस्य और पूर्व महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सिखों को बिना पगड़ी के निर्वासित करना अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ अपनी बैठक के दौरान ऐसे मुद्दों को उठाना चाहिए था। अगर भारतीय सरकार ऐसा नहीं करती है, तो एसजीपीसी इस मुद्दे को अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाएगी।”

पकड़ रहा सियासी तूल:इस बीच, शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी अमेरिकी अधिकारियों की निंदा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “भगवंत मान और उनके मंत्री अमेरिका से युवाओं के निर्वासन पर दिखावटी खेल खेल रहे हैं। लेकिन चौंकाने वाली और शर्मनाक बात यह है कि वे सिख युवाओं को बिना पगड़ी के लाने पर चुप हैं। इस बड़े मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं बोला गया।” उन्होंने विदेश मंत्रालय से भी आग्रह किया कि इस मामले को तुरंत अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।
