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अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन संविधान की आधारभूत संरचना पर हमला


मितेश कुमार सिन्हा प्रधान संपादक

यूपी फर्रुखाबाद। अधिवक्ता संशोधन बिल अधिनियम का विरोध कर रहे वकीलों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं की डीएम को ज्ञापन देने को लेकर पुलिस से जमकर नोकझोंक हुई। वकीलों ने अधिनियम संशोधन बिल की प्रतियां फूंकी।

शुक्रवार को अधिवक्ता संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में एकत्र हुए अधिवक्ता नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। यहां जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर नारेबाजी की। वकीलों के ज्ञापन देने की सूचना पर पहले से पुलिसबल तैनात था। अधिवक्ताओं ने सामूहिक रूप से डीएम को ज्ञापन देने की बात कही। इस पर पुलिस ने रोक दिया वकील डीएम को ही ज्ञापन देने की जिद पर अड़ गए। बाद में जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर वकीलों ने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन संविधान की आधारभूत संरचना पर हमला है। कहा कि बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की ओर से छह माह पूर्व एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्रारूप तय कर भेजा गया था।

इस संशोधन में उसे शामिल नहीं किया गया है। अधिनियम में संशोधन स्वतंत्र संस्था पर कुठाराघात है। डीएम को छह सूत्रीय ज्ञापन देकर संशोधन को तुरंत वापस लेने की मांग की। इस दौरान सिंघ के अध्यक्ष श्रीकिशोर मिश्रा, सचिव राजेश कुमार अग्निहोत्री, जवाहर सिंह गंगवार, मुन्ना यादव, किशन शर्मा, कुंंअर सचेंद्र प्रताप सिंह राजेश पाठक, पुष्पेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।

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