ज्योति सिन्हा सह संपादक
यूपी फर्रुखाबाद। हाईवे पर हो रहे कार्यों में एनएचएआई की लेट लतीफी हजारों लोगों पर भारी पड़ गई। इटावा-बरेली हाईवे पर साढ़े पांच घटे तक जिंदगी की रफ्तार थम सी गई। कई घंटों तक जाम में फंसे रहे दोपहिया चालकों ने 100 रुपये देकर नाव से गंगा की धारा पार की। एंबुलेंस, सरकारी कर्मचारी, शव यात्राओं को भी अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए इंतजार करना पड़ा।

गंगा दशहरा को गंगा स्नान करने के बाद लौटने वाले श्रद्धालु देर शाम तक जाम में फंसे रहे। करीब 10 किलोमीटर लंबे जाम से जैसे-तैसे निजात मिल पाई। सुबह होते-होते एनएचएआई के कर्मचारियों ने चोक नाला खोलने के लिए काम शुरू कर दिया। जेसीबी और पोकलैंड मशीनों से सड़क की खोदाई करने के दौरान वाहनों की कतारें सड़क के दोनों ओर लगने लगीं। रूट डायवर्जन न होने के चलते पूरी तरह से हाईवे वाहनों से भर गया। सुबह सात बजे से जाम लगना शुरू हुआ तो दोपहर 12:30 बजे तक करीब छह किलोमीटर में फैल गया।

पांचालघाट चौराहे पर खुदी सड़क पर जैसे-तैसे पाइप डालकर मिट्टी और गिट्टी से गड्ढा भरा गया। इधर-उधर जाने का स्थान न होने के चलते काम करने वाली मशीनें भी सड़क किनारे खड़ी हो गई। रही सही कसर सड़क पर अतिक्रमण करने वालों और ई रिक्शा चालकों ने पूरी कर दी। सुबह 10 बजे तक हाईवे पर बरेली, हरदोई, शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत, टनकपुर, हल्द्वानी, हरिद्वार की ओर से आने वाले वाहन जमापुर मोड़ से सड़क किनारे खड़े होना शुरू हो गए।
गंगा के इस पार मसेनी चौराहा के आगे तक वाहनों की लंबी कतारें लग गई। भीषण जाम लगने के बाद भी पुलिस कर्मी जाम खुलवाने नहीं पहुंचे। यातायात विभाग के दो होमगार्ड जाम में फंसे वाहनों को चौराहे पर खड़े हो देखते रहे। गमी में शामिल होने के लिए जा रहे भोलेपुर निवासी सुमित अवस्थी ने बताया कि सुबह सात बजे वह अपने फूफा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए निकले थे। तीन घंटे में एक किलोमीटर का सफर भी तय नहीं कर पाए हैं।
शहर की ओर आने वाले सड़क पर कादरीगेट तिराहे तक, तथा जमापुर मोड़ तक जाम लगने के चलते शव यात्राएं भी जाम में फंसी रहीं। चौकी पुलिस के अलावा कादरीगेट थाने से पहुंचे पुलिस फोर्स ने जाम खुलवाने का प्रयास शुरू किया। दोपहर 12:30 बजे के बाद वाहनों ने रेंगना शुरू किया। 2:30 बजे जाम खुलने से यातायात सामान्य हो सका।
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पैंटून पुल पर भी नहीं मिली पैर रखने की जगह
गंगा पुल पर जाम के चलते पैंटून पुल पर लोड बढ़ गया। दोनों ओर से लोग एक साथ पुल पार कर रहे थे। पुल पर भी जाम लगने के चलते लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। कड़ी धूप में पुल के ऊपर उमस भरी गर्मी लगने से लोग बेहाल रहे। यहां भी कोई पुलिसकर्मी जाम को खुलवाने नहीं पहुंचा।

100 रुपये देकर बाइक कराई गंगा के पार
गंगा पुल पर जाम के चलते 100 रुपये देकर लोगों ने जल्द अपने गंतव्य तक पहुंचने का प्रयास किया। उनका यह प्रयास नाकाफी साबित हुआ। गंगा की धारा पार करने के बाद सड़क पर चढ़ने के लिए ही उन्हे काफी मशक्कत करनी पड़ी। कुछ लोग तो खेतों में ही बाइक लेकर घुस गए। खाली खेतों के बीच से काफी कठिनाई के चलते उन्होंने तीन किलोमीटर का सफर तय किया। विकास खंड राजेपुर में सर्विस कर रहे विवेक तिवारी ने बताया कि उन्हें ड्यूटी पर समय से पहुंचना था, लेकिन जाम के चलते उन्हें काफी दिक्कत हुई। जैसे-तैसे वह बाइक से पांचालघाट पहुंचे। पुरानी घटिया पर पहुंचकर उन्होंने पहले पैंटून पुल से निकलने का इरादा किया। पैंटून पुल पर जाम होने के कारण वह नाव से अपनी बाइक पार ले गए। नाव वालों ने बाइक सहित उन्हें गंगा की धारा पार कराने के लिए 100 रुपये लिए।

जाम में फंसी रहीं छह एंबुलेंस
इटावा-बरेली हाईवे पर जाम में एंबुलेंस सेवा भी प्रभावित रही। चार 102 और दो एंबुलेंस 108 की रास्ते में ही फंसी रहीं। 108 एंबुलेंस के प्रोग्राम मैनेजर विजय प्रताप सिंह ने बताया कि चार 102 एंबुलेंस मरीजों को लेने के लिए निकलीं थीं। राजेपुर विकास खंड के गांव कड़हर, गंधिया, मडैया और भरखा में मरीज लेने के लिए गई एंबुलेंस दो-दो घंटे तक जाम में फंसी रहीं। वहीं राजेपुर से मरीजों को लाने वाली दो 108 एंबुलेंस भी जाम में फंस गई। करीब चार घंटे के बाद एंबुलेंस अपने गंतव्य तक पहुंच सकीं।

शहर का जाम बेलगाम, फंसे डीएम एसपी के वाहन
फर्रुखाबाद। शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था उस वक्त उजागर हो गई जब व्यवस्था दुरुस्त रखने वाले अफसर खुद अव्यवस्था का शिकार हो गए। डीएम और एसपी का काफिला रोडवेज बस अड्डे के सामने भीषण जाम में फंस गया। शहर में बकरीद की व्यवस्थाओं का जायजा लेने निकले डीएम और एसपी का काफिला जाम में फंस गया। जाम में फंसने के बाद डीएम-एसपी के वाहन करीब आधे घंटे तक वहीं अटके रहे। इस दौरान पुलिसकर्मी हालात संभालते नजर आए। उन्होंने सड़क पर खड़ी ठेलियों को हटवाया। जैसे-तैसे जाम खुलवाया गया, तब जाकर काफिला आगे बढ़ सका। इस घटना ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था की पोल खोल दी है।
