
सार :बाइक चार थाना क्षेत्रों से गुजरी लेकिन किसी ने भी इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। अगर किसी प्वाइंट पर भी पुलिस ने रोक लिया होता। तो आज इन चारों की जान न जाती।

मितेश कुमार सिन्हा प्रधान संपादक

यूपी हाथरस।एक बाइक पर चार थे। युवक चला रहा था, जबकि पीछे उसकी दो बहनें और एक उनकी एक सहेली बैठी थी। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है बाइक चल किस तरह से रही होगी। क्योंकि बाइक चालक तो खुद टंकी पर ही आ गया होगा। ऐसे में मोटरसाइकिल को कंट्रोल करना भी आसान नहीं रहा होगा। खास बात यह है कि इस बाइक चार थाना क्षेत्रों से गुजरी लेकिन किसी ने भी इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। अगर किसी प्वाइंट पर भी पुलिस ने रोक लिया होता। तो आज इन चारों की जान न जाती।


यह दर्दनाक हादसा दोपहर को करीब तीन बजे हाथरस के सादाबाद क्षेत्र में आगरा-अलीगढ़ हाईवे पर गांव बढ़ार के पास हुआ। यहां इगलास के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पढऩे वाली पीहू (12), नरगिस (14), शहनाज (15) की मौत हो गई। जबकि बाइक चला रहे शहजाद ने आगरा के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। दरअसल आगरा के टेढ़ी बगिया निवासी शहजाद अपनी बहन नरगिस और शहनाज को लेकर अपने घर जा रहा था। साथ में इनकी सहेली पीहू भी थी। यह चारों एक बाइक पर सवार होकर दोपहर को करीब दो बजे इगलास से निकले थे। इगलास के बाद हाथरस गेट थाने की सीमा से यह चारों गुजरे।

इसके बाद चंदपा थाने का इलाका आया। चंदपा थाने के तो सामने से यह लोग निकले मगर खाकी की निगाह इन पर नहीं पड़ी। चंदपा थाने से निकलकर सादाबाद क्षेत्र में आ गए। चार थाने इस बीच पड़े। कई छोटे बड़े चौराहों से गुजरे। लेकिन दिन भर चालान का खेल खेलने वाली पुलिस खामोश बनी रही। अगर किसी एक थाना पुलिस ने भी रोक लिया होता तो दो परिवारों की खुशियां यूं न लुटतीं। अगर इनको टोक ही दिया होता तो आज यह सुरक्षित होते। शहजाद के परिवार पर तो दुखों का पहाड़ टूट गया। इस हादसे में शहजाद के साथ उसकी दो बहनों की भी मौत हो गई।

इन इलाकों से गुजरे बाइक सवार
इगलास के कजरौठ से चलने के बाद तोछीगढ़ बंबा चौराहा, हाथरस बाईपास पर इगलास चौराहा फिर मीतई तिराहा। बाईपास के इन दोनों स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस और सिविल पुलिस की तैनाती रहती है। लेकिन बाइक को रोकने की किसी ने कोशिश नहीं की। चंदपा थाने के सामने से होकर सादाबाद तक पहुंचे। कई जगह पुलिस की गश्ती पीआरवी भी मिली होंगी।

वह तो बच्चे थे….हम और आप तो बड़े हैं
तीनों छात्राएं नाबालिग थीं। वह नहीं समझ पाईं होंगी कि यह सफर किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। लेकिन अगर पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती। जागरूक लोगों ने ही इन्हें टोक दिया होता तो शायद ऐसी दर्दनाक खबर जिसे लिखने में भी हाथ कांप रहे हैं न बनती। यह तो एक हादसा है लेकिन अगर आप अपने आसपास सडक़ों पर देखेंगे तो तमाम बच्चे बड़ी भारी भारी मोटरसाइकिल दौड़ाते दिख जाएंगे। अब सवाल यह उठता है कि इनके हाथ में बाइक देता कौन है। जाहिर सी बात है कि हम और आप ही देते होंगे। लेकिन सभी को सोचना पड़ेगा। इस पर स्कूल-कालेजों को भी आगे आना होगा। नियम बनाने होंगे। तभी इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।

ये चारों लोग बाइक पर सवार थे। इसी बीच तेज गति की बाइक अचानक अनियंत्रित होकर रिक्शा से टकरा गई। जिससे वह चारों बाइक सहित सडक़ पर गिर कर घिसट गए। इसी से आई चोटों से इनकी मृत्यु हुई है।-हिमांशु माथुर, सीओ सादाबाद

वाहन पर ट्रिपलिंग को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। स्कूल-कालेजों में भी जानकारी दी जाती है। एक बार फिर से अभियान चलाया जाएगा। पुलिस को भी चौकस किया जाएगा कि अगर कहीं कोई एक बाइक पर तीन या चार नजर आते हैं तो उन्हें तत्काल रोका जाए।-मुकेश चंद्र उत्तम, एसपी यातायात

