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फर्रुखाबाद में शिवभक्त कांवड़ियों की छम-छम से गूंजा सप्तऋषि क्षेत्र


श्रद्धा शुक्ला क्षेत्रीय संवाददाता कमालगंज

यूपी फर्रुखाबाद। जनपद के थाना कमालगंज क्षेत्र में तीर्थस्थली श्रृंगीरामपुर में महाशिवरात्रि का कांवड़ मेला सोमवार को श्रद्धा व भक्ति के अनूठे रंगों में खिल उठा। कांवड़ियों के पैरों में बंधे घुंघरुओं की छम-छम से पूरा सप्तऋषि क्षेत्र गूंजता रहा। मध्यप्रदेश जाने के प्रमुख रास्ते श्रृंगीरामपुर-रजीपुर-उधरनपुर मार्ग पर शिवभक्तों की कतार किसी भी समय नहीं टूटी। 15 किलोमीटर का यह रास्ता भोले के भक्तों की भीड़ से आस्था व भक्ति पथ बन गया।

21 फरवरी से तीर्थनगरी श्रृंगीरामपुर में शुरू हुए महाशिवरात्रि कांवड़ मेले में रविवार रात से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ीं। मेला स्थल से गंगा घाट तक के छह किलोमीटर के दायरे में भीड़ का ठिकाना नहीं रहा।मध्यप्रदेश के भिंड, ग्वालियर, दतिया, मुरैना व अन्य जिलों के शिव भक्त कांवड़ सजाकर गंगा तट पहुंचते रहे।

कांच की 52 गंगाजली में श्रद्धापूर्वक गंगा जल भरकर कांवड़ में गंगाजली विराजी गईं। इसके बाद टोली नायक की अगुआई में कांवड़ यात्री रवाना होते रहे। बालू व रेत के चार किलोमीटर रास्ते के बाद श्रद्धालुओं की टोलियां श्रृंगीरामपुर तिराहे पहुंचतीं रहीं।वहां से रजीपुर में कानपुर-फतेहगढ़ मार्ग व रेलबे क्रासिंग पार करते हुए आगे बढ़े।


आरती करके उठाई कांवड़, शाम को संध्या आरती भी
भिंड के महावीर नगर निवासी टोली नायक सुरेंद्र श्रीवास ने कहा कि गंगाजी के तट पर कांवड़ की विधिविधान से आरती करने के बाद कांवड़ को कंधे पर रखकर शिवभक्त रवाना होते हैं। पैदल यात्रा के दौरान जहां भी शाम का समय होता है। वहां रुककर संध्या आरती की जाती है। सावन महीने में उनके यहां के लोग कासगंज के सोरों शूकर क्षेत्र में जल भरने जाते हैं। महाशिवरात्रि पर श्रृंगीरामपुर आते हैं। रामदत्त ने कहा कि भिंड जनपद के मनखंडेश्वर महाराज मंदिर में टोली के लोग जल चढाएंगे। करीब 55 घंटे की पैदल यात्रा होगी। जलाभिषेक के बाद घर में भांजे या पुरोहित को भोजन दक्षिणा के बाद ही वह लोग भोजन ग्रहण करेंगे। इस मौके पर जनपद के जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी मौके पर मौजूद थे।

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