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होलिका पूजन आज 10:12 से, दहन रात 8:46 के बाद


मितेश कुमार सिन्हा प्रधान संपादक

यूपी फर्रुखाबाद। विश्व पंचांग के अनुसार पूर्णिमा का समय 13 मार्च दिन गुरुवार को 10.12 बजे से शुरू होकर अगले दिन शुक्रवार 14 मार्च सुबह 11.18 बजे तक रहेगी। होलिका दहन के समय पूर्णिमा होना आवश्यक है। लिहाजा 13 मार्च को ही उत्तम रहेगा। रात्रि 8.46 के बाद होलिका दहन का समय उत्तम रहेगा। रात 8.40 बजे से वृश्चिक लग्न लगेगी, जो कि 12.47 बजे तक रहेगी। जिस कार्य में स्थिरता लानी है, वह कार्य इस समय के दौरान ही करें। इसके बाद धनु लग्न प्रारंभ होगी। जिसमें स्थिर व चर दोनों कार्य किए जाते हैं। यह लग्न 12.47 बजे से सुबह 3.03 बजे तक रहेगी।

होलिका दहन पूजन सामग्री

होलिका दहन के दिन पूजन का खासा महत्व है। इसमें रोली, अक्षत, गुलाल, कच्चा नारियल, धूपबत्ती, फूल, आम पत्ते, बतासा, नया अनाज, साबुत मूंग, हल्दी की गांठ, जल, कलश (लोटा), हवन सामग्री, मिष्ठान, फल, गेहूं आटा, फूल की माला, गाय का घी, सरसों तेल, मिट्टी का दिया, उपले (कंडे), कच्चा सूत और पूजन पात्र में थाली, लोटा, गिलास, चम्मच आदि जरूरी है।

ऐसे करें होलिका का पूजन

गाय के गोबर से लीप कर आटा, हल्दी मिलाकर रंगोली (चौक) बनाएं। गंगा जल छिड़काव करके पंच भू-संस्कार करें। गाय के गोबर के कंडे व अन्य बनी वस्तुएं रखें। अग्नि लाकर स्थापना करें। अग्नि की पूजा करें। कुशा चारों तरफ डालें। चारों तरफ कलावा (कच्चा सूत) बांधें।


कार्य सिद्धि के लिए करें उपाय

विवाह हेतु: होलिका दहन के बाद हल्दी की पतली वाली पांच गांठें लेकर अपनी कामना के साथ सात परिक्रमा लगाने के बाद होली में छोड़ दें। प्रणाम कर चले आएं।

बाधा निवारण व नौकरी हेतु: भीमसेनी कपूर 25 ग्राम, तेजपत्ता पांच, सात या ग्यारह, अष्टगंध धूप 50 ग्राम, गूगल 25 ग्राम, लौंग जोड़ा पांच, गाय के 11 उपले (कंडे) अपनी कामना के साथ सात परिक्रमा लगाकर छोड़ दें। प्रणाम कर घर आ जाए।

लक्ष्मी प्राप्ति व घर में सुख समृद्धि हेतु: गाय के कंडे 11, गुड़ 250 ग्राम, लौंग के तीन जोड़ा, कपूर भीमसेनी 25 ग्राम, जौं की बाली तीन, गन्ना एक बालिस्त का टुकड़ा, गुलाब फूल एक परिक्रमा लगाकर कामना लेकर छोड़ दें। प्रणाम कर चले आएं।

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